मुर्शिदाबाद का शहरवाली समाज एक प्रख्यात समाज है. इस समाज के सम्वन्ध में अनेक ऐतिहासिक विवरण उपलब्ध है. इस समय मैं इन सामग्रियों का संकलन कर रहा हु।
जैसा की आप सब को विदित है की विगत अनेक वर्षों से मैं इस ब्लॉग के माध्यम से शहरवाली समाज के विभिन्न पहलुओं जैसे समाज, संस्कृति, धर्म, कला, इतिहास, रीती रिवाज़ आदि पर लिखता आया हु। अब इन विषयों का संकलन कर उसे एक पुस्तक का रूप देने की इच्छा है. अजीमगंज के सूरज नोलखा ने इस पुस्तक को प्रकाशित करवाने की भावना व्यक्त की है.
श्री जैन श्वेताम्बर खरतर गच्छ संघ, जयपुर द्वारा संचालित जैन शोध एवं अध्ययन संस्थान के जैन इतिहास विशेषज्ञ डा शिवप्रसाद इस कार्य में पूरी सहायता कर रहे है। डा शिवप्रसाद के प्रयासों से अनेक ऐतिहासिक दस्तावेज़ एवं पुस्तकें इस सम्वन्ध में संकलित हुई है. इस कार्य के लिए मैं उनका आभारी हूँ।
प्राप्त ऐतिहासिक सन्दर्भ ग्रन्थ:
१. हिंदी विश्व कोष, संपादक नागेन्द्र नाथ वसु, कोलकाता
२. जगत सेठ, पारसनाथ सिंह, इलाहाबाद,
३. भारतीय इतिहास कोष, डा सच्चिदानंद भट्टाचार्य, लखनऊ
४. बंगाल में जैन धर्म, गणेश लालवानी, जयपुर
५. नगर वर्णनात्मक प्राचीन पद्य संग्रह, मुनि कान्तिसागर, सूरत
६.श्रमण भगवन महावीर, मुनि कल्याण विजय गणी, जालोर
७. जैन तीर्थ सर्व संग्रह भाग २, अम्बालाल पी शाह, अहमदाबाद
८. सार्ध शताव्दी स्मृति ग्रन्थ, भंवर लाल नाहटा, कोलकाता
९ जैन लेख संग्रह भाग १, पूरण चंद नाहर, कोल्कता
आप सभी से भी निवेदन है की शहरवाली समाज एवं संस्कृति के सम्वन्ध में जो भी ऐतिहासिक विवरण एवं दस्तावेज हों तो उसकी डिजिटल या फोटो कॉपी उपलब्ध करवाने की कृपा करें।
Thanks,
(Vardhaman Gems, Jaipur represents Centuries Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry)
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