Sunday, December 10, 2017

लालू भाई (प्रदीप कोठारी) नहीं रहे

लालू भाई (प्रदीप कोठारी) नहीं रहे 

मेरे बड़े भाई और सभी के प्रिय लालू भाई का आज सुबह कोलकाता में देहावसान हो गया. यह मेरे लिए बहुत ही दुःख की घडी है, दुःख और भी बढ़ जाता है क्योंकि उनके अंतिम समय में मैं उनके पास नहीं था. आज सुबह जब भतीजे चेतन ने फ़ोन पर समाचार दिया तो एक बार तो विश्वास ही नहीं हुआ. लालू भाई पिछले २ महीने से काफी बीमार चल रहे थे और ७१ वर्ष की आयु में आज उन्होंने अपना अंतिम सांस लिया. आप  अपनी धर्मपत्नी श्रीमती कंचन एवं एक पुत्री श्रीमती श्री बांठिया को अपने पीछे बिलखता हुआ छोड़ गए. 

लालू भाई के नाम से जान जान में विख्यात श्री प्रदीप कोठारी का जन्म अजीमगंज में हुआ. वे स्वर्गीय श्री समरेन्द्रपत जी कोठारी (बेटा बाबू) के पुत्र एवंम स्वर्गीय श्री चन्द्रपत जी कोठारी के पौत्र थे. आपकी माता जी श्रीमती पुतुल कुमारी अभी जीवित हैं और उन्हें पुत्र वियोग का दुःख सहन करना पड़ रहा है.

लालू भाई अपने पैतृक व्यवसाय जवाहरात का काम करते थे और साथ में धार्मिक- सामाजिक कार्यों में सदा अग्रणी रहते थे. श्री महावीर स्वामी मंदिर कोलकाता के ट्रस्टी के रूप में आपने अविस्मरणीय सेवाएं प्रदान की है. वे जैन जोहरी संस्थान के भी संस्थापक सदस्यों में से थे एवं श्रीमद राजचन्द्र आश्रम, हम्पी में भी ट्रस्टी के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान की. आप नियमित प्रभु पूजा करंट थे एवं स्वाध्याय व ध्यान के प्रति भी उनका लगाव था. उन्होने कई बार विपश्यना ध्यान का शिविर भी किया था. बच्चों को धर्म के प्रति प्रेरित करने के लिए उन्होंने बहुत काम किया. 

यद्यपि वे मेरे ताऊजी के लड़के थे लेकिन मेरे प्रति उनका स्नेह सगे भाई से भी बढ़ कर था. मैं जयपुर और वो कोलकाता रहते थे पर नियमित रूप से उनसे फ़ोन पर बातचीत होती रहती थी. जब हम मिलते थे तो धर्मचर्चा में घंटों का समय कब व्यतीत हो जाता था पता ही नहीं चलता था. आज वो हमारे बीच नहीं हैं और यह खालीपन कैसे भरेगा पता नहीं. 

मैं अरिहंत परमात्मा से उनके सद्गति की कामना करता हूँ. वो जहाँ भी हों सुख एवं शांति से रहें यही प्रार्थना है. 

Jyoti Kothari 
(Jyoti Kothari is proprietor of Vardhaman Gems, Jaipur, representing Centuries Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry. He is a Non-resident Azimganjite.) 

allvoices

No comments:

Post a Comment