अजीमगंज मंडन
श्री नेमिनाथ जिनेन्द्र स्तवन
(ढाल-नीबडलीनी)
जगपति नेमि जिनंद प्रभु म्हारा, जग.
वावीसम शासन धनी, गिरुवा गुणनिधि राज।
समुद्रविजय शिवा नन्द प्रभु म्हारा, जग
सांवल वरन सुहामणा, गिरुवा गुणनिधि राज.
यादवकुल शणगार प्रभु म्हारा,
शंख लांछन प्रभु शोभता, गिरुवा गुणनिधि राज।
सौरिपुर अवतार प्रभु म्हारा,
अपराजित सुरलोक थी, गिरुवा गुणनिधि राज।
देह धनुष दस मान प्रभु म्हारा,
रूप अनूप विराजता, गिरुवा गुणनिधि राज।
आऊ थिति परमान प्रभु म्हारा,
वरस सहस इक अति भलो, गिरुवा गुणनिधि राज।
प्रभु म्हारा, गिरुवा गुणनिधि राज।
नवयौवन वर नार प्रभु म्हारा,उग्रसेन नृप नन्दनी गिरुवा गुणनिधि राज।
नाव भव नेह निवार प्रभु म्हारा,
राजुल राणी परिहरि, गिरुवा गुणनिधि राज।
पशुआँ तणी पुकार प्रभु म्हारा,
सांभली करुणा रास भर्या, गिरुवा गुणनिधि राज।
रथ फेरी तिण वार प्रभु म्हारा,
फिर आया निज मंदिरे,
गिरणारे संयम ग्रह्यो, गिरुवा गुणनिधि राज।
देइ संवत्सरी दान प्रभु म्हारा, गिरुवा गुणनिधि राज।
पामी केवलज्ञान प्रभु म्हारा,
संघ चतुर्विध थपियो, गिरुवा गुणनिधि राज।
पंच सयां छत्तीस प्रभु म्हारा,
मुनिवर साथे मुनिपति, गिरुवा गुणनिधि राज।
शिव पुहूता सुजगीश प्रभु म्हारा,
पद्मासन बैठा प्रभु, गिरुवा गुणनिधि राज।
मासखमण तप मान प्रभु म्हारा,
करि अणशण आराधना, गिरुवा गुणनिधि राज।
गढ़ गिरनार प्रधान प्रभु म्हारा,
तीन कल्याणक जिहां थया, गिरुवा गुणनिधि राज।
योगीश्वर शिरताज प्रभु म्हारा,
निरुपाधिक गुण आगरु, गिरुवा गुणनिधि राज।
अविचल आतमराज प्रभु म्हारा,
पाम्यो परमानन्द मैं, गिरुवा गुणनिधि राज।
सकरण वीरज अंत प्रभु म्हारा,
निरुपाधिक गुण आगरु,गिरुवा गुणनिधि राज।
नगर अजीमगंज भाण प्रभु म्हारा,
नेमि जिनेश्वर साहिबा,गिरुवा गुणनिधि राज।
शुद्ध क्षमाकल्याण प्रभु म्हारा,
आतम गुण मुझ दीजिये गिरुवा गुणनिधि राज।
उपाध्याय श्री क्षमा कल्याण जी ने दो सौ वर्ष से भी ज्यादा पहले यह भजन लिखा था.
Jyoti Kothari, the proprietor of Vardhaman Gems, Jaipur, representing Centuries-Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry. He is a Non-resident Azimganjite.
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