शहरवाली समाज के एक प्रमुख परिवार बोथरा परिवार के श्री विनोद चन्द जी बोथरा कल जयपुर में मेरे घर पधारे थे और उनसे उनके परिवार के सम्वन्ध में कुछ नए तथ्य जाने को मिले। श्री विनोद चन्द जी बोथरा शहरवाली समाज के स्वनाम धन्य श्री परिचन्द जी बोथरा के सुपुत्र एवं श्री प्रसन्न चन्द जी बोथरा के पौत्र हैं.
उन्होंने बताया की अजीमगंज में श्री सिताब चन्द जी बोथरा का अपना कोई मकान नहीं था और वे किराये के मकान में रहते थे, उनका परिवार काफी बड़ा था. उनके घर में कुलदेवी आदि की अनेक मूर्तियां थीं परंतु उन्होंने निश्चय किया की उनके घर में केवल अरिहंत परमात्मा की पूजा होगी अन्य किसी की पूजा की कोई आवश्यकता नहीं है; इसलिए उन्होंने बाकि की सभी मूर्तियों को गंगा जी में विसर्जित कर दिया। तबसे उनके घर में कुलदेवी या भैरव जी आदि किसी की पूजा नहीं होती है।
श्री सिताब चन्द जी बोथरा अल्पायु में निधन हो गया तब उनके ज्येष्ठ पुत्र श्री प्रसन्न चन्द जी बोथरा को उनकी माता जी बहादुर सिंह जी सिंघी के यहाँ कोल्कता ले कर आ गई, यह प्रसन्न चन्द जी की मासी का घर था और यहीं उनका लालन पालन हुआ. प्रसन्न चन्द जी बोथरा ने कोलकाता में पात की दलाली का काम शुरू हुआ और धीरे धीरे काम जम गया. उनके तीनो पुत्र श्री परी चन्द जी, श्री चन्द जी व गंभीर चन्द जी भी इसी काम में लग गए. उनके बड़े लड़के पारी चन्द जी ने १९४५ में जियागंज में पहला मुकाम खरीदा और प्रसन्न चन्द बोथरा ऐन्ड सन के नाम से कारोबार शुरू किया। इस कारोबार में उन्होंने बहुत नाम एवं पैसा कमाया। उनके छोटे भाई श्री गंभीर चन्द जी बोथरा भी उनके साथ इसी काम में लगे थे.
दूसरी तरफ मझले भाई श्रीचंद जी बोथरा ने प्रसिद्द ब्रिटिश कंपनी A. M. Mair को खरीद लिया और जुट की दलाली करते रहे. तीनो भाई पारसी बागान में पिता द्वारा खरीदे मकान में ही संयुक्त परिवार में रहते थे. बाद में परीचन्द जी एवं श्रीचंद जी ने डोवर रोड (देवदार स्ट्रीट) में नया मकान बना लिया और गंभीर चन्द जी पुराने मकान में ही रह गए.
Famous persons and families in Murshidabad part 6: Bothra Family
Jyoti Kothari
(Jyoti Kothari is proprietor of Vardhaman Gems, Jaipur, representing Centuries Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry. He is a Non-resident Azimganjite.)